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८४ बैठकजी श्री महाप्रभुजी का पुरुषार्थ by Vibrant Pushti

Book Information

Title८४ बैठकजी श्री महाप्रभुजी का पुरुषार्थ
CreatorVibrant Pushti
Year2022-03-06
PPI300
LanguageHindi / हिंदी
Mediatypetexts
Subject८४ बैठकजी श्री महाप्रभुजी का पुरुषार्थ
Collectionbooksbylanguage_hindi, booksbylanguage
Uploadervibrantpushti
Identifier20220306_20220306_1616
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Description

ज्ञान, जीवन और नैन कौन पाता है? ज्ञान, जीवन, नैन और पुरुषार्थ कौन देता है? मन, नयन, तन, धन, वन और जीवन कैसे पाते है? मन, नयन, तन, धन, वन और जीवन कौन योग्य करता है?   मन सबका है - नयन सबके है - तन सबका है - धन सबका है - वन सबका है और जीवन सबका है। पर यह सबकी योग्यता केवल पुरुषार्थ से ही पायी जाती है और उसका मार्गदर्शक केवल श्री गुरु - आचार्य ही है। जो जीवन को यथार्थ करे - सार्थक करे - योग्य करे - उपयोगी करे - श्रेष्ठ करे - उत्तम करे।